4 साल बाद अचानक बुजुर्ग के जिंदा होने की बात सुनकर आप चौक जायेंगे, लेकिन यह सच है। बहराइच में एक ऐसा ही मामला सामने आया। जमीन के मामले में लेखपाल ने बुजुर्ग को 4 साल पहले ही फाइलों में मृत घोषित किया था । डीएम के सामने मामला आने पर दुरुस्त कराकर रविवार को अवकाश होने के बाद भी खतौनी की नकल बुजुर्ग को सौंपी। खतौनी मिलते ही बुजुर्ग की आंखे खुशी से भर आईं। मामले में लापरवाही मिलने पर लेखपाल पर कार्रवाई की गई है।
उल्लेखनीय है कि 21 जनवरी 2023 को तहसील महसी में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में ग्राम पड़ोहिया, परगना फखरपुर, तहसील महसी निवासी जुम्मन पुत्र गफूर ने जिलाधिकारी डाॅ. दिनेश चन्द्र के सम्मुख प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया। लिखा कि उसके जीवित होते हुए वर्ष 2019 में तत्कालीन हल्का लेखपाल द्वारा गलत तरीके से खाता संख्या 00116 की गाटा संख्या 691/0.3340हे0 को जुम्मन पुत्र गफूर को मृतक दिखाकर किसी अन्य व्यक्ति की वरासत दर्ज कर दी गई है।
डीएम के निर्देश पर नायाब तहसीलदार तेजवापुर द्वारा की गई जांच में पाया गया कि तत्कालीन हल्का लेखपाल द्वारा फसली सन 1427 में गाटा संख्या 691/0.3340हे0 पर जुम्मन पुत्र गफूर नि. पड़ोहिया को मृतक दिखाकर जुम्मन पुत्र गफूर नि. ग्राम महसी के वारिसानों की वरासत कर दी गयी जो नियम के विरूद्ध है। इसी क्रम में वर्तमान हल्का लेखपाल द्वारा भी दर्ज गलत वरासत आदेश के क्रम में मृतक वारिसान के मृत्यु होने पर पुनः आरसी प्रपत्र-9 द्वारा 27 अप्रैल 2022 को पुनः वरासत कर दी गयी है।