भास्कर न्यूज़ एजेंसी
05 मई 2023
बौद्ध बिहार में धूमधाम से मनाई गई बुद्ध जयंती
कछौना(हरदोई)( भास्कर संवाददाता) बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर स्मृति शेष सुरेन्द्र प्रकाश वर्मा राष्ट्रीय स्मारक एवम् बौद्ध बिहार कछौना में बुद्ध जयंती धूमधाम से मनायी गयी। भन्ते करुणानंद जी ने गौतमबुद्ध की वंदना की। उपस्थितजन पुरुष, महिलाएं, बच्चों ने भगवान बुद्ध को पुष्प अर्पित कर उनको नमन किया। भगवान बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डाला गया।
आज से 2500 वर्ष पूर्व भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल के उपवन लुम्बिनी में हुआ था। कपिलवस्तु की महारानी महामाया देवी के अपने नैहर (मायके) के रास्ते में प्रसव पीड़ा हुई और वहीं उन्होंने एक बालक को जन्म दिया। बालक का नाम सिद्धार्थ रखा गया। गौतम गोत्र में जन्म लेने के कारण ये गौतम कहलाये। सिद्वार्थ बचपन से ही करुणायुक्त और गंभीर स्वभाव के थे। इनका विवाह सुन्दर कन्या यशोधरा से हुआ था। यशोधरा से एक पुत्र का जन्म हुआ जिसका नाम राहुल रखा गया। उनका मन गृहस्थी में नही लगा। ये एक दिन भ्रमण पर निकले। संसार के कष्ट देखकर इनका मन बेचैन हो गया और एक दिन चुपके से पत्नी व बच्चे को छोड़कर वन को चल दिये। संसारिक सुखों को त्यागकर कठोर तपस्या कर दुखों से मुक्ति के लिए मार्ग तलाशने निकल पड़े। कठोर तपस्या से शरीर दुर्बल हो गया, परन्तु मन को शांति नहीं मिली तब उन्होंने मध्यम मार्ग अपनाया। पेड़ के नीचे ध्यान लगाकर बैठ गए। फिर एक दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और ये सिद्धार्थ से बुद्ध बन गए। वह पेड़ बोधिवृक्ष के नाम से प्रसिद्ध हुआ। महात्मा बुद्ध के उपदेश सीधे सादे थे। संसार दुखों से भरा है जिसका कारण इच्छा है। उन्होंने लोगों को बताया कि सम्यकदृष्टि, सम्यकभाव, सम्यक भाषण, सम्यक व्यवहार, सम्यक निर्वाह, सत्य पालन, सत्य विचार, सत्य ध्यान से मनुष्य की तृष्णा मिट जाती है। भगवान बुद्ध के उपदेश आज के समय में भी प्रासंगिक हैं।
इस अवसर पर स्व. सुरेन्द्र प्रकाश वर्मा की पत्नी कुंती मौर्य, भाजपा के युवा नेता पंकज शुक्ला, डॉ. अरुण मौर्य, मुरली मौर्य आदि ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया। प्रसाद के रूप में सभी को खीर दान की गई।