राष्ट्रीय
पुलिस और शराब तस्करों के बीच मुठभेड़, दरोगा की मौत

पुलिस और शराब तस्करों के बीच मुठभेड़, दरोगा की मौत
बिहार (Bihar ) के सीतामढ़ी में शराब तस्करों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गई. जिसमें तस्करों की गोली से दारोगा दिनेश राम की मौत हो हुई है. जबकि वारदात में चौकीदार लालबाबू भी बुरी तरह घायल है. उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां लालबाबू की हालत गंभीर बनी हुई है. वारदात के बाद से कई शराब तस्कर फरार हो गए हैं. मुठभेड़ में एक बदमाश को भी गोली लगने की सूचना है.
मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस और तस्करों की इस मुठभेड़ में एक बदमाश को भी गोली लगी है। पुलिस की गोली से बदमाश के मारे जाने की सूचना है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
मिली जानकारी के मुताबिक भारत-नेपाल सीमा से सटे बिहार सीतामढ़ी के मेजरगंज के कोआरि गांव में पुलिस और शराब तस्करों की मुठभेड़ हुई है. पुलिस को सूचना मिली थी कि नेपाल के रास्ते बिहार में शराब की बड़ी खेप लाई जा रही है. सूचना के आधार पर पुलिस ने घेराबंदी की. लेकिन गाड़ी रोकते ही हथियारों से लैस तस्करों ने पुलिस पर हमला कर दिया. फायरिंग के दौरान सब इंस्पेक्टर दिनेश राम और चौकीदार लाल बाबू पासवान को गोली लग गई.
गोली लगने के बाद दोनों को आनन-फानन में सीतामढ़ी सदर अस्पताल पहुंचाया गया. अस्पताल में डॉक्टरों ने सब इंस्पेक्टर दिनेश राम को मृत घोषित कर दिया. जबकि चौकीदार लाल बाबू पासवान की हालत गंभीर बनी हुई है. सीतामढ़ी सदर अस्पताल पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद कर दी गई है.
उधर, सूचना मिल रही है कि मुठभेड़ के दौरान एक बदमाश की पुलिस की गोली से मौके पर ही मौत हुई है. हालांकि अभी तक इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. मुठभेड़ के दौरान कई बदमाश मौके से फरार हो गए हैं.
नेपाल सीमा से आधा किमी दूर है घटना स्थल
सीतामढ़ी मेजरगंज के जिस स्थान पर पुलिस और शराब तस्करों की मुठभेड़ हुई है. वह जगह भारत-नेपाल सीमा से करीब आधा किलोमीटर दूर है. कोरोना काल से ही भारत-नेपाल की ये सीमा सील कर दी गई थी. वर्तमान में भी भारत की ओर से सीमा सील है, जबकि नेपाल ने यह सीमा खोल दी है. सीमा के सील होने के बावजूद शराब तस्करों की गतिविधियों और इस मुठभेड़ को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं.
मुखबिर से शराब तस्करी की जानकारी मिली
जानकारी के मुताबिक पुलिस को शराब तस्करों के नेपाल से बिहार में शराब की बड़ी खेप लाने की सूचना मुखबिर से मिली थी. सूचना पर सब इंस्पेक्टर दिनेश राम ने अपने साथियों संग कोआरि गांव में तस्करों की घेराबंदी की थी. लेकिन जैसे ही उनका सामना तस्करों से हुआ, तस्करों ने हमला कर दिया. हथियारों से लैस शराब तस्करों ने ताबड़तोड़ गोलियां पुलिस पर बरसानी शुरू कर दीं. जिसमें सब इंस्पेक्टर दिनेश राम और चौकीदार लाल बाबू पासवान को गोली लग गई.
बैच 2009 के थे सब इंस्पेक्टर दिनेश राम
2009 में सब इंस्पेक्टर दिनेश राम पुलिस में भर्ती हुए थे. वे मूल रूप से मोतिहारी के लथौरा थाना के ससौलबरवा गांव के रहने वाले थे. उनके पिता स्व. शिवशंकर राम है. हाल में ही सब इंस्पेक्टर दिनेश राम को मेजरगंज में तैनात किया गया था. जबकि घायल चौकीदार लालबाबू पासवान कोअरी का रहने वाला है. शराब तस्कर जिसकी मौत की खबर आ रही है उसका नाम रंजन सिंह है. वह मेजरगंज के कोआरि का रहने वाला बताया जा रहा है.
पुलिस टीम पर बेगूसराय में भी हमला
जिला बेगूसराय में भी शराब के काले कारोबार पर छापा मारने गई पुलिस टीम पर हमले की खबर है. पुलिस वहां मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करने गई थी. लेकिन पुलिस टीम को देखते ही लोगों ने उस पर हमला बोल दिया. लोगों ने पुलिस पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए. जिसमें महिलाएं भी शामिल रहीं. खबर है कि एक महिला ने एक पुलिसवाले को दांत काट कर घायल कर दिया. बाद में बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. कई लीटर कच्ची शराब बरामद की गई है. स्थिति फिलहाल नियंत्रण में बताई जा रही है.
पुलिस और शराबबंदी को लगातार चुनौती दे रहे माफिया
बिहार में शराबबंदी की सफलता के बड़े-बड़े दावों के बीच धरातल पर हकीकत यह है कि शराब माफिया का नेटवर्क प्रदेश में हर जगह मौजूद है. बीते एक महीने पहले ही सीतामढ़ी में 35 लाख रुपए की शराब की खेप पकड़ी गई थी. नेपाल से तस्करी कर शराब लाए जाने की खबरें अक्सर मिलती रहती हैं. इसके पहले भी शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने गई पुलिस टीम पर कई बार हमले हो चुके हैं. शराब माफियाओं का खौफ बिहार में इस कदर हावी है कि अब पुलिसकर्मी भी उनके खिलाफ कार्रवाई करने से कतराते हैं. हर वक्त हथियारों से लैस रहने वाले माफिया कब किस पर हमला बोल देंगे, कुछ कहा नहीं जा सकता.
गांव के लोगों ने रास्ता जाम किया
कोआरि गांव के लोग घटनाक्रम को लेकर काफी गुस्से में हैं. ग्रामीणों ने गुस्से में सड़क जाम कर दिया है. लोगों का आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत से शराब की तस्करी होती है. सड़क जाम करने वालों में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल हैं. लोगों की मांग है कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाए.