Bhaskar News Agency
Sep 02, 2019
नई दिल्ली – हेयर डाई, मेहंदी, शैम्पू, हेयर कंडीशन समेत कई कॉस्मेटिक उत्पाद लोगों पर दुष्प्रभाव छोड़ रहे हैं। यह दावा एम्स ने एक शोध में किया गया है। यह शोध जनवरी 2015 से अक्टूबर, 2017 के बीच चर्म रोग विभाग में आए 106 मरीजों पर किया गया। इन मरीजों में 74 चेहरे पर डार्कनेस से पीड़ित थे। 24 को एलर्जी, बाकी को अन्य दिक्कतें थीं। इसमें से 35% लोगों की बीमारी की वजह हेयर डाई, शैम्पू, कंडीशनर थे।
विभाग की डॉ. रिती भाटिया ने कहा कि बाल कलर करने के बाद जब उसे धोया जाता है, तो उसकी कुछ बूंदें चेहरे तक आ जाती हैं। इसकी वजह से इसका असर चेहरे पर दिखता है। एम्स का चर्म रोग विभाग केमिकल का पता करने के लिए लगभग 50 हर्बल उत्पादों की जांच आईआईटी रुड़की से करा रहा है।
लिपस्टिक, बिंदी व सिंदूर भी देते हैं डिजीज : चर्म रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ वीके शर्मा ने कहा कि लिपस्टिक, सिंदूर या लिक्विड बिंदी, कुमकुम से भी महिलाओं को त्वचा के संक्रमण की शिकायत मिली है। शोध में स्किन लाइटनिंग क्रीम, सनस्क्रीम, हेयर ऑयल, फाउंडेशन, शेविंग प्रॉडक्ट्स आदि का इंसानों पर गलत असर सामने आया।