Bhaskar News Agency
Oct. 22, 2019
कानपुर (के.पी सिंह) कानपुर की तमाम महिलाओं ने स्वरोजगार के जरिये पहले तो अपने हुनर का परचम फहराया। फिर कामकाज स्थापित करने और पहचान बनाने के बाद इन्होंने तरक्की का नया तरीका तलाशा। यह तरीका सोशल मीडिया के इस्तेमाल के जरिये अपने उत्पादों को हजारों, लाखों लोगों तक पहुंचाने का है।
ऐसी ही तमाम कामकाजी महिलाएं ई-कामर्स कंपनियों के जरिये भी अपने कारोबार को आगे बढ़ा रही हैं। दूरदराज से फुटकर और थोक आर्डर इन्हें उत्साहित कर रहे हैं। आइए आप भी पढ़िए इन्होंने कैसे चढ़ी सफलता की सीढ़ी।
इंस्टाग्राम पर करघा के उत्पाद
खादी के कपड़ों को डिजाइन के जरिये हाईप्रोफाइल बनाने वाली मणि एन अग्रवाल तिलक नगर की रहने वाली हैं। वर्ष 2010 में दिल्ली से फैशन टेक्नोलॉजी का कोर्स करने के बाद खादी में फैशन का तड़का लगाया। पहले दिल्ली में काम शुरू किया फिर वर्ष 2013 में अपने शहर की ओर रुख किया। दो साल पहले आर्यनगर में ‘करघा’ नाम से शोरूम शुरू किया।
शहर में भरपूर पहचान बनाने के बाद इन्होंने सोशल मीडिया को अपनी तरक्की का हथियार बनाया। हाई प्रोफाइल लोगों की पैठ वाले फोटो एप्लीकेशन इंस्टाग्राम पर ‘करघा बाय मणि’ नाम से बिजनेस पेज शुरू किया। देखते देखते इनके उत्पादों की पहुंच शहर से बाहर निकलकर देश के कोने कोने में पहुंच गई। अब इन्हें दूरदराज से भी आर्डर मिलते हैं।
अमेजन पर क्रिएटिव इंडिया
चमड़े की डोरी, पर्स, बैग और अन्य तरह के उत्पाद बनाने वाली कौशलपुरी की प्रेरणा वर्मा ने वैसे तो अपने कामकाज के तौर पर खूब पहचान बना चुकी हैं, लेकिन इस तरक्की को इन्होंने सिर्फ शहर और आसपास तक ही सीमित नहीं किया है।
पहले सोशल साइट फेसबुक पर बिजनेस पेज बनाकर और अब ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन में अपने उत्पादों को शामिल करवाकर अपनी कंपनी क्रिएटिव इंडिया की पहचान देश और दुनिया में पहुंचाई है। प्रेरणा को इसका फायदा भी मिला। अमेजन इनके उत्पाद इंग्लैंड और अमेरिका में बेच रहा है। इसके अलावा फेसबुक पेज के जरिये प्रेरणा फुटकर ग्राहक मिल रहे हैं।
फेसबुक पर शीतल के इनोवेटिव डिजाइन पांडुनगर निवासी शीतल शुक्ला आर्टिफिशियल ज्वैलरी डिजाइनर हैं। वर्ष 2006 में ज्वैलरी डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद ‘शीतल इनोवेटिव डिजाइन’ नाम से अपना बिजनेस शुरू किया। देश भर में अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाने के बाद इन्होंने फेसबुक पेज के जरिये लोगों तक पहुंच बनाई।
कारोबार करने के तौर तरीकों में आए बदलाव के बाद इन्होंने सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल किया। दर्जनों वाट्सएप ग्रुप के जरिये भी ये अपने उत्पादों को लोगों तक पहुंचाती हैं। इसका इन्हें भरपूर फायदा मिला है।