Bhaskar News Agency
Nov 05, 2019
लखीमपुर खीरी(अमित कुमार पाल) सर्दी शुरू होते ही बढ़ रही चोरी और लूटपाट की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए एसपी ने कम्युनिटिंग पुलिसिंग पर जोर दिया है। ग्राम पंचायत स्तर पर गठित सुरक्षा समितियों को अब सक्रिय किया जाएगा। इनमें 10-10 युवकों को भी अब शामिल किया जाएगा, जो गांव के चौकीदार के साथ रात्रि गश्त करेंगे। एसपी इन युवाओं को पुलिस स्पेशल अधिकारी ( एसपीओ) का कार्ड भी जारी करेंगी। दशकों पहले पुलिस का गांवों से लेकर शहर तक मुखबिरों का नेटवर्क होता था, जो छोटी-बड़ी वारदात की जानकारी देते थे। इससे बड़ी घटना होने से बच जाती थी, लेकिन अब मुखबिर तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुका है। इसकी वजह यह है कि कुछ पुलिसकर्मियों ने अपने आर्थिक लाभ के लिए मुखबिरों के नामों को खुलासा कर दिया। इससे मुखबिरों की रंजिश हुई। बाद में उनकी पुलिस ने कोई मदद भी नहीं की। इससे लोगों का पुलिस से भरोसा उठ गया। उन्होंने काम करना बंद कर दिया। इसका परिणाम यह आया कि अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ गया। पुलिस महकमे ने गांवों तक मजबूत नेटवर्क बनाने के लिए कई बार पहल की। ग्राम सुरक्षा समितियों का गठन किया। थानों पर ग्राम सुरक्षा समिति रजिस्टर बना। महीने में एक सुरक्षा समिति की थाने पर बैठक तय की गई। यह कवायद एक बार नहीं कई बार पुलिस अफसरों ने शुरू कराई, लेकिन इस पर महीने-दो महीने ही अमल हुआ। अमर उजाला ने 30 अक्तूबर के अंक में थाना प्रभारियों की अनदेखी से मिट गईं ग्राम सुरक्षा समितियां शीर्षक से खबर पेज संख्या चार पर छापी थी। खबर को एसपी पूनम ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने ग्राम सुरक्षा समितियों को दोबारा सक्रिय करने के साथ ही उसमें 10-10 नवयुवकों को भी शामिल करने का निर्णय किया है। यह युवक टोली बनाकर चौकीदार के साथ रात में गश्त करेंगे। एसपी इन्हें बाकायदा स्पेशल पुलिस अफसर (एसपीओ) का पहचान पत्र भी जारी करेंगी। इसके लिए पुलिस