Bhaskar News Agency
Sep 08, 2019
कवर्धा- शादी ब्याह में फिजूलखर्ची रोकने मुस्लिम समाज ने एक नई पहल की है। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के मुस्लिम समाज की रविवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इनमें से एक फैसला बैंड-बाजे, डीजे और धुमाल को लेकर है। समाज ने तय किया है कि अगर कोई शादी में इनका इस्तेमाल करेगा तो वहां काजी निकाह नहीं पढ़वाएंगे। ईद मिलादुन्नबी व उर्स के जुलूस में भी धुमाल, डीजे को पूर्ण रुप से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस नियम का पालन इस माह मोहर्रम के ताजिया जुलूस में देखने को मिलेगा।
नियमों का पालन नहीं किया तो भरना होगा जुर्माना
- मुस्लिम समाज के नायब मुतवल्ली अब्दुल सईद खान ने बताया कि यह निर्णय मुख्य रुप से फिजूलखर्च रोकने के लिए है। वैसे भी बारात में डीजे, धुमाल के धुन में डांस करना गैर इस्लामिक है। अगर किसी शादी में ऐसा हुआ तो समाज की ओर से निकाह का रजिस्टर और काजी नहीं भेजा जाएगा। उस शादी में समाज का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं होगा। समाज की ओर से अर्थदंड का प्रावधान किया गया है। इसमें सामाजिक बहिष्कार जैसे दंड शामिल नहीं है।