Bhaskar News Agency
Oct 21, 2019
सूरत- कमलेश तिवारी की हत्या करने से पहले हमलावर अशफाक ने अपने एक साथी एमआर रोहित सोलंकी के नाम से फर्जी आधार कार्ड और फेसबुक अकाउंट बना लिया था। इसी छद्म पहचान के आधार उसने कमलेश तिवारी से फेसबुक पर दोस्ती की और फोन पर भी संपर्क साध लिया था। इसके बाद उसने कमलेश के संगठन से जुड़ने की इच्छा भी जताई थी। इसी के बाद तिवारी से मुलाकात की तारीख तय हुई थी।
मूल रोहित सबसे अनजान
इस खुलासे के बाद भास्कर ने असल रोहित सोलंकी का भी पता लगा लिया, जो इन सबसे अनजान था। दरअसल अशफाक ने मैनेजर होने के नाते रोहित के दस्तावेज से आधार कार्ड लेकर उसमें अपना फोटो लगा दिया था। पुलिस के विशेष जांच दल (एसटीएफ) ने बताया कि हत्यारों ने कत्ल से पहले घबराहट रोकने और अपनी हिम्मत बढ़ाने के लिए दवा खाई थी। दवा का पैकेट उस कमरे से मिला है, जिस होटल में हमलावर ठहरे हुए थे। इसके अलावा कमरे से हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू, खून से सने भगवा कुर्ते, तौलिया, मोबाइल फोन, शेविंग किट और एक बैग मिला है।
घायल आराेपियों ने बरेली में कराया इलाज
यह भी खुलासा हुआ है कि हत्या के बाद आरोपी खुद भी घायल हो गए थे। इसलिए इलाज के लिए बरेली अपने गांव गए थे। आरोपियों का अंतिम लोकेशन हरियाणा के अंबाला में मिली है। पुलिस ने बताया कि आरोपी शेख अशफाक और पठान मोइनुद्दीन अहमद ने लखनऊ के होटल खालसा में अपनी आईडी से होटल बुक किया था।