Bhaskar News Agency
Nov 05, 2019
सुलतानपुर(शिव पांडेय) कठिन तपस्या, नेक कर्म व अच्छे गुणों से मानव महान बनता है।सदाचरण करने वाले को सदैव मां सम्मान मिलता है।जीव गर्भावस्था से ही अनेक कष्ट भोगते हुए ईश्वर से खुद को बाह्य संसार मे लाने की प्रार्थना करता है।परन्तु जन्म के बाद ईश्वर से किये सारे वादे भूल स्वार्थ के वशीभूत होकर कार्य करने लगता है।और कष्ट उठाता है।जन्म के बाद नाभि बिच्छेदन होने पर व्यक्ति पूर्व जन्म की सारी बातों को भूल जाता है।उक्त बातें कथा व्यास अच्युतानंद महाराज श्री अयोध्या धाम ने कही।
बल्दीराय बिसुहिया ग्राम में चल रही सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास ने कर्दम ऋषि व माता देवहूति,ब्रह्मा जी के नौ मानस पुत्र व माता देवहुति की नौ पुत्रियों के विवाह,देवहुति व भगवान कपिल के मध्य वार्तालाप,माता सुरुचि व ध्रुव तथा ध्रुव व राजा उत्तानपाद के मध्य हुए सम्वाद का वृहद वर्णन किया।नन्दलाल मेरो है,
“मन भज ले हरि का प्यारा नाम है””।जैसे भजनों पर श्रोता झूमते रहे।मुख्य यजमान विशम्भर नाथ तिवारी ने व्यासपीठ की आरती उतारी।इस मौके पर जय प्रकाश तिवारी, संदीप तिवारी, कवियत्री अखिलेश तिवारी डॉली, रंजीत सिंह, दिनेश तिवारी, आदर्श शर्मा,पंडित राम बहादुर तिवारी सहित तमाम भक्त व श्रोता मौजूद रहे।