Bhaskar News Agency
Oct. 21, 2019
नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में सोमवार को उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड समेत मुस्लिम पार्टियों को लिखित नोट रिकॉर्ड कराने की अनुमति दे दी है। इसमें कहा गया है कि कोर्ट का फैसला देश की शासन व्यवस्था को प्रभावित करेगा।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच के सामने मुस्लिम पक्षकारों के वकील ने कहा कि उन्हें ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ को लेकर लिखित नोट रिकॉर्ड कराने की अनुमति दी जाए। वकील ने कहा- शनिवार को मुस्लिम पक्ष ने सील बंद लिफाफे में ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ दाखिल किया था, जिस पर हिंदू पक्षकारों ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद हमने रविवार को सभी पक्षों के सामने याचिका सार्वजनिक कर दी थी।
अयोध्या भूमि विवाद मामले में 40 दिन तक चली सुनवाई 16 अक्टूबर को पूरी हुई थी। तब 5 जजों की संविधान पीठ ने सभी पक्षकारों से तीन दिन के भीतर ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ पर लिखित नोट देने के लिए कहा था। ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ’ यानी मालिकाना हक किसी एक या दो पक्ष को मिल जाए तो बचे हुए पक्षों को क्या वैकल्पिक राहत मिल सकती है।