Bhaskar News Agency
Dec 07, 2019
हरदोई(लक्ष्मीकान्त पाठक) विकास भवन के स्वर्ण जयंती सभागार में गोवंश पशु आश्रय स्थल निमार्ण, प्रधानमंत्री आवास, कन्या सुमंगला, दिव्यांग पेंशन, शादी अनुदान, लम्बित प्रकरणों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी पुलकित खरे की अध्यक्षता में एक बैठक आहूत की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी ने 45 अपूर्ण पशु आश्रय स्थलों के सम्बन्ध में नाराजगी व्यक्त करते हुए उपस्थित सभी खण्ड विकास अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि समस्त चयनित निमार्णाधीन पशु आश्रय स्थलों के निर्माण तीव्र गति करायें और पशु आश्रय स्थल पर गेट, पानी, विद्युत, चरही, चैकीदार कक्ष एवं भूसा घर का निर्माण गुणवत्ता परक करायें ताकि ग्राम पंचायत स्तर के निराश्रित पशुओं को रखा जा सके। उन्होने कहा कि सभी निर्माणाधीन पशु आश्रय स्थलों की प्रगति आख्या प्रतिदिन शाम तक उपलब्ध करायेगें तथा जो पशु आश्रय स्थल संचालित है वहां गोवंशों को सर्दी से बचाव के लिए 10 दिसम्बर 2019 तक प्रत्येक दशा में टीन शेड के आस-पास तिरपाल लगवाना सुनिश्चित करें और पशु आश्रय स्थल निर्माण एवं सर्दी से बचाव के लिए व्यवस्था न करने पर सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी के विरूद्व कार्यवाही की जायेगी। बैठक में श्री खरे ने विगत वर्ष एवं इस वर्ष के अपूर्ण प्रधानमंत्री आवासों पर खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि सचिवों व प्रधानों के माध्यम से उक्त अपूर्ण प्रधानमंत्री आवासों को शीघ्र पूर्ण करायें। कुछ ब्लाकों में प्रधानमंत्री आवासा की द्वितीय व तृतीय किस्त न पहुंचने पर जिलाधिकारी ने पीडी को निर्देश दिये कि प्रधानमंत्री आवास निर्माण की किस्तें लाभार्थियों को स्थानांतरित करायें। जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों से कहा कि नगरीय निकाय के अधिशासी अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें अवगत करा दे कि तहसील एवं नगरीय निकाय के मुख्य मार्गो व चैराहों पर किसी प्रकार के आवारा पशु नहीं मिलने चाहिए और इसके लिए कर्मचारियों के माध्यम से नियमित मुख्य मार्गो एवं चैराहों का भ्रमण करें और ऐसे स्थानों पर मिलने वाले पालतु पशुओं के मालिकों की जानकारी कर उनके विरूद्व कड़ी कार्यवाही करें तथा निराश्रित पशुओं को निकट के पशु आश्रय स्थलों में पहुंचायें।
जिलाधिकारी ने उपस्थित पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिये कि पशु आश्रय स्थलों के सभी पशुओं की शतप्रतिशत टैगिंग होनी चाहिए और किसी भी पशु आश्रय स्थल का एक भी टैग पशु सड़क एवं गांव में घूमता नही मिलना मिले और अगर कही टैग लगा पशु मिलता है तो सम्बन्धित पशु आश्रय स्थल के जिम्मेदारों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। कन्या सुमंगला योजना के विकास खण्ड स्तर पर लम्बित प्रपत्रों तथा शादी अनुदान की जांच आख्या समय से उपलब्ध न उपलब्ध कराने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने समस्त ब्लाक स्तरीय सचिवों की नियमित बैठक करें और ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाले सभी कार्यो की समीक्षा करें तथा समय से कार्य पूर्ण न करने वाले सचिवों पर कठोर कार्यवाही करें। उन्होने कहा कि कन्या सुमंगला योजना तथा शादी अनुदान के समस्त प्रकरण एक सप्ताह में निस्तारित कर आख्या संबंधित विभाग को प्रेषित करें। मा0 मुख्यमंत्री, शासन, जनता मिलन एवं आनलाइन प्राप्त शिकायतों का निस्तारण भी समय से करने पर भी जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि समस्त लम्बित शिकायतों को निर्धारित समयसीमा में निस्तारण करायें और जिस ब्लाक की शिकायतें समयसीमा में निस्तारित नहीं होगी वहां के बीडीओ के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
कायाकल्प योजना के तहत बनने वाले आर्दश पंचायत भवनों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिये कि संचालित पंचायत भवनों में कम्प्यूटर, इंटरनेट, विद्युत एवं फर्नीचर आदि की व्यवस्था ग्राम प्रधानों के माध्यम से तत्काल कराना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि ग्राम पंचायतों के विकास के लिए ग्रामीण इकाई का सशक्तिीकरण बहुत जरूरी है इसलिए इस कार्य को बीडीओ भी अपनी जिम्मेदारी समक्ष कर शीघ्र पूर्ण करायें। उन्होने सभी खण्ड विकास अधिकारियों से कहा कि ब्लाक परिसर, कार्यालय एवं स्वयं के कक्ष का सुन्दरीकरण करायें और परिसर में पार्क आदि का निर्माण करायें। बैठक में जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारियों से कहा कि सचिवों के माध्यम से अपने क्षेत्र के दिव्यांग पेंशनरों की जांच कराये और जांच में जो दिव्यांग पेंशनर की मृत्यु हो गयी है या जिनकी पेंशन किसी कारण बन्द हो गयी है आख्या प्राप्त कर संबंधित विभाग को भेजें तथा दिव्यांगों के बनने वाले यूडीआईडी कार्ड के लिए सचिव दिव्यांगों को ग्राम पंचायत के सेवा केन्दों पर लेकर उक्त कार्ड के लिए आवेदन आन लाइन करायें। बैठक में जिलाधिकारी ने बेसिक विद्यालयों के निरीक्षण के लिए गठित टीम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि 15 दिन में अपने नामित विद्यालयों का निरीक्षण करें और निरीक्षण के दौरान विद्यालय को भेजी गयी कम्पोजिंग ग्राण्ट की धनराशि से खरीदी गयी खेलकूद सामग्री, विद्यालय मरम्मत व अन्य कार्यो पर व्यय की गयी धनराशि की भी जांच करेगें तथा विद्यालय में शौचालय, पेयजल, विद्युत आदि व्यवस्थायें तथा बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता को भी परखेगें। वन विभाग की भूमि पर हुए पट्टों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि उक्त भूमि की लेखपालों के माध्यम से जांच कराकर आख्या तत्काल उपलब्ध करायें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी निधि गुप्ता वत्स, समस्त उप जिलाधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, अपर जिला सूचना अधिकारी दिव्या निगम, सभी खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी आदि मौजूद रहे।