- महिलाओं ने घर के कोने कोने तक पीटा सूप।
Bhaskar News Agency
Nov 09, 2019
सुलतानपुर (शिवशंकर पांडेय) गांवों मे लोगों ने देवोत्थानी एकादशी का पर्व परंपरागत तरीके से मनाया। रात मे शकरकंद व गन्ने से जहां व्रत तोड़ा गया वहीं भोर में सूप को गन्ने से पीटकर दरिद्र भगाने की परंपरा निभाई।
देवोत्थानी एकादशी दीपोत्सव के पर्व के ग्यारहवे दिन मनाई जाती है। मान्यता है कि भगवान श्री हरि विष्णु इसी दिन अपने शयन से जागते हैं तथा सभी देवगण इस दिन उनकी पूजा करते हैं। गांवो मे यह पर्व पहले की ही तरह परंपरागत तरीके से आज भी मनाया जाता है। देवोत्थानी ऐकादशी के दिन घर की महिलाऐं व पुरुष तथा बच्चे व्रत रहते हैं देर शाम देव पूजा कर शकरकंद तथा मीठे गन्ने से भोग लगाकर व्रत तोड़ते हैं। इसी रात की भोर में महिलाऐं पुराने सूप को गन्ने के अग्र भाग से पीटकर घर के हर स्थान पर पहुंचकर दरिद्र भगाने की परंपरा का निर्वहन करती है । गांव बाजार मे आज भी यह परंपरा कायम है तथा महिलाऐ इसमे विशेष रुचि रखती हैं।