भास्कर न्यूज़ एजेंसी
26 सितंबर 2022
दवा और दुआ की बदौलत 13 वर्ष बाद जन्मी बिटिया का फौजी पिता ने बैंड बाजे से किया स्वागत
अल्हागंज25 सितंबर। संतान ना होने का दुख और जन्म होने की अनुभूति निसंतान दंपत्ति से पूछो।
संतान ना होने का दुख 13 वर्षों तक एक फौजी दंपत्ति ने सहा लेकिन दवा और दुआ की बदौलत 13 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद उन्हें संतान परम सुख की प्राप्ति हुई और जब अस्पताल से नवजात बिटिया को लेकर उनकी पत्नी बस स्टेशन पर आई वहीं से फौजी पिता ने अपनी बिटिया की अगवानी बैंड बाजे के साथ किया नृत्य भी किया मिष्ठान वितरण किया। साथ
पूरा मकान की सजावट भी की ।नगर के मोहल्ला बगिया प्रथम निवासी राजवीर सिंह 35 वर्ष बताते हैं कि वह जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में भारतीय थल सेना की आर्म्डकोर डिवीजन में हवलदार के पद पर तैनात हैं 21 नवंबर 2009 को उनकी शादी हुई थी। शादी के बाद संतान सुख के लिए वह तरसते रहे आखिर 13 वर्ष बाद सुख की वह घड़ी भी आ गई जब उन्हें दवा और दुआ की बदौलत कन्या रत्न की प्राप्ति हुई इस पल की वह वयां नहीं कर सकते। एक बार तो उनकी पत्नी सीमा देवी 34 वर्ष भी उन पर दूसरी शादी करने का दबाव बनाने लगी लेकिन उन्हें विश्वास था भगवान उनकी झोली जरूर भरेगा और यही विश्वास सच में भी बदल गया।
अस्पताल से जब उनकी पत्नी सीमा कन्या को लेकर बस स्टेशन पर आई तो वह खुशी से पागल हो गए मकान तक पूरे रास्ते पर बैंड बाजे के साथ वह उनके मित्र नृत्य भी करते रहे रिश्तेदार परिवार मित्रों की बधाइयां मिलती रही।
फोटो बैंड बाजे के साथ नृत्य करते नवजात करने का फौजी पिता