Bhaskar News Agency
Nov 05, 2019
बांकेगंज ,लखीमपुर खीरी (अमित कुमार) मोतीपुर गांव में बुधवार दोपहर तेंदुए की चहलकदमी पर ग्रामीणों ने शोर मचाया तो वह गन्ने के खेत में छिप गया। मंगलवार सुबह आलू के खेत में शावकों संग पहुंची बाघिन के कारण खेत में काम कर रहे मजदूरों में भगदड़ मच गई थी। इस संबंध में वन विभाग को जानकारी देदी गई है। दुधवा टाइगर रिजर्व बफरजोन की मैलानी रेंज अंतर्गत बांकेगंज कस्बे की आबादी से सटे मोतीपुर गांव के खेतों में बुधवार दोपहर एक तेंदुआ चहलकदमी करता दिखाई दिया। आबादी के निकट तेंदुए को देख ग्रामीणों के होश उड़ गए। उनके शोर मचाने पर तेंदुआ गन्ने के खेत में छिप गया। सूचना पर पहुंचे फॉरेस्टर राजेंद्र वर्मा आकाश खरवार, वॉचर पिंटू ने पगचिह्न देखकर वहां तेंदुए के मौजूदगी की पुष्टि की। ग्रामीणों का कहना है कि मंगलवार सुबह आबादी के पास आलू के खेत में दवा का छिड़काव कर रहे मजदूरों के सामने बाघिन और उसके दो शावकों के आने से भगदड़ मच गई थी। बुधवार को आबादी के पास अब तेंदुए की चहलकदमी के बाद लोग खेतों की ओर नहीं जा रहे हैं। दहशतजदा ग्रामीण शाम ढ़लते ही घरों में दुबक कर बैठ जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मंगलवार रात गांव से सटे गन्ने के खेत से पूरी रात रुक-रुक कर बाघिन के दहाड़ने की आवाज ग्रामीणों को सुनाई देती रहीं। जिसके चलते लोगों को घरों के सामने आग जलाकर रात गुजारनी पड़ी।
मोतीपुर गांव के पास बाघिन और उसके दो शावकों के अलावा तेंदुए की निगरानी के लिए वन कर्मियों की दो टीमें गठित की गई हैं। जो बारी-बारी से चौबीस घंटे बाघिन और उसके शावकों के साथ ही तेंदुए की लगातार निगरानी कर रही हैं। वन्यजीवों को किसी सीमा में बांधकर नहीं रखा जा सकता। वन्यजीव अकारण हमलावर नहीं होते। फिर भी ग्रामीणों से अपील है कि वे सतर्कता बरतें, खेतों में समूह बनाकर और हांका लगाते हुए जाएं।