डीएम के माफी मांगने के बाद कल रात समीक्षा बैठक के दौरान डीएम व डाक्टरों के बीच बना गतिरोध समाप्त 

Bhaskar News Agency

Oct. 10, 2019

हरदोई(लक्ष्मी कान्त पाठक)कल देर रात डीएम पुलकित खरे ने अपने कैम्प कार्यालय मे 10 चिकित्सा अधीक्षको के साथ मुख्य चिकित्सधिकारी डा. एके रावत को समीक्षा बैठक मे बुलाया था।जिसमे स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं मे धीमी प्रगति को लेकर नाराजगी जताई जिस पर सण्डीला  सामुदायिक केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक डा.शरद वैश्य ने डीएम का बैठक मे विरोध कर दिया इस पर जिलाधिकारी पुलकित खरे भडक गये।उन्होंने ने कडे शब्दों का प्रयोग कर इस्तीफा देने की बात कह दी।डीएम का इतना कहना हुआ कि सभी डाक्टर भडक गये और कैम्प कार्यालय से बाहर आकर हंगामा करने लगे। डा. शरद वैश्य ने डीएम पर तानाशाही का आरोप लगाते हुये कहा कि हमारे आपरेटर रातदिन एक कर योजनाओं की फीडिग कर रहे है ।इसके बाबजूद डीएम इस्तीफे की बात करते है।उन्होंने आगे बताया कि डीएम ने कहा कि संविदा कर्मियों को मिलने वाला 9000 रू कल से नही आयेगा। इस तरह का व्यवहार ठीक नही है।अपने सामूहिक इस्तीफा देने पर सभी डाक्टर अडे रहे।अधिकारियों के लाख समझाने के बाद भी रात गतिरोध समाप्त नही किया जा सका। आज मेडिकल एशोसिएशन के जिलाध्यक्ष डा. स्वामीदयाल ने बताया कि प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के फोन आने के बाद डीएम ने अपनी गलती स्वीकार करते हुये भविष्य मे ऐसी गलती न होने पर वार्ता की गयी जिसमे सभी डाक्टर अपने कार्य पर लौट आये है।इधर सूचनाधिकारी दिव्या निगम ने प्रेस नोट जारी कर अवगत कराया कि जिलाधिकारी व स्वास्थ्य विभाग की सौहार्द पूर्ण माहौल मे   बैठक हुयी।जिसमे सभी डाक्टरो ने काम पर लौटकर स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करने की बात कही है।गौरतलब है कि इससे पहले गत बर्ष भी जिलाधिकारी को इन्ही डाक्टरो से मुंह की खानी पडी थी ।जिलाधिकारी पुलकित खरे इससे पहले चौकी प्रभारी को गोवंश को लेकर निलम्बित किया था।जिसमे पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी के विरोध के बाद डीएम ने अपना आदेश वापस ले लिया था।उक्त घटनाक्रम से इतना तो स्पष्ट है कि जिलाधिकारी पुलकित खरे के आदेश कोई मानने को तैयार नही है।