Bhaskar News Agency
Nov 18, 2019
सीतापुर (अतुल सिंह चौहान)आत्मा योजना अंतर्गत कृषक गोष्ठी एवं फील्डर का आयोजन विकासखंड हरियावा में किया गया इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर सीपीएल गौतम ने महत्वपूर्ण जानकारी किसान भाइयों को दी उन्होंने बताया कि किसान भाई अपने आने वाली संतति को संरक्षित करने के लिए जल जमीन और जंगल का संरक्षण करना बहुत ही जरूरी है उन्होंने बताया की अत्याधिक रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों का प्रयोग करने से जमीन का स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है मिट्टी के अंदर मौजूद लाभदायक सूक्ष्मजीव लाभदायक मित्र कीट खत्म होते जा रहे हैं और बचे हुए रसायन जो मिट्टी में पड़े रहते हैं वर्षा के जल के द्वारा घुलकर और नाले से होते हुए नदी और पोखरे में पहुंच जाते हैं जिसका प्रयोग किसान अपनी खेती के लिए मत्स्य पालन के लिए पशु चारा गांव
में चढ़ने के दौरान उन्हीं नदी नालों और पोखरे का पानी पीता है और हमारे जलचर जीव के साथ-साथ हमारे पशु भी बीमारी के शिकार हो रहे हैं इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हमको अपनी प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा और अपनी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना होगा । गेहूं में बीज उपचार के बारे में बताया और कहां की एक तीर से कई शिकार उसको कहते बीज उपचार
गेहूं के बीज उपचार के लिए टेबुकोनाजोले 2% डीएस 1 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज की दर से शोधित करें या फिर हम 75% डब्ल्यूपी ढाई से 3 ग्राम दवा प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज उपचार करें ऐसा करने से गेहूं में खंडवा रोड करनाल बंट एवं अन्य नहीं लगेंगे।
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ दीपक कुमार मिश्रा ने किसान भाइयों को जैविक खेती के बारे में बताया भविष्य में जैविक खेती का क्या अवसर होगा उसके बारे में बखूबी से जानकारी दी तथा जैविक खेती को उधम के रूप में अपनाना चाहिए जैविक खेती करने से प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग होता है एवं जैविक खेती के द्वारा शुद्ध खाद्यान्न प्राप्त होता है जैविक खेती के द्वारा आने वाले समय में लोगों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा होगा केंद्र की सरकार राज्य की सरकार की मंशा है 2022 तक किसान भाइयों की आय दोगुनी करनी है जो कि जैविक खेती के द्वारा ही संभव है