Bhaskar News Agency
Oct. 04, 2019
हरदोई। (लक्ष्मीकान्त पाठक) – यूपी मे भाजपा सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले सरकारी जमीनो यथा चरागाह, बंजर ,खलिहान, चकरोड ,रास्ते, खाल निकालने के स्थान ,नवीन परती ,तालाब आदि सार्वजनिक उपयोग की भूमि को पूर्ववर्ती सरकारों मे दंबग लोगो ने कब्जा कर रखा था।उसे खाली कराने के निमित्त आदेश जारीकर अपने अधीनस्थ अधिकारियों को आदेशित किया।साथ ही ऐसे चिन्हित अवैध कब्जाधारियों पर भूमाफिया कानून के तहत एफआईआर दर्ज कराकर जेल भेजने के निर्देश दिये। लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों के बिगडैल ब्यूरो क्रेट ने अभियान को बेन्टीलेटर पर लिटा दिया।केवल आदेश निर्देश कागजो तक सिमट कर रह गया अलवत्ता शासन से प्राप्त सुविधाओं को तो जेब मे रखा ही साथ ही ऐसे अवैध कब्जाधारियों से भी राजस्व कर्मियों की मदद से धन उगाही कराकर जेबों को भर लिया। उप्र के अन्यत्र क्षेत्रो चांहे ऐसा न भी हुआ हो लेकिन हरदोई जनपद की तहसील शाहाबाद इस मामले मे अव्वल दर्जे पर है। इस क्षेत्र के दर्जनो गांव ऐसे है जहाँ राजस्व कर्मियों ने चरागाह .बंजर जैसी जमीनो को दंबगों के हाथो बेच रखी है। उदाहरण के तौर पर तहसील क्षेत्र के गांव दमगढा स्थित गाटा संख्या 61जिसका रकवा 3.136 हेक्टेयर है जिसको राजस्व कर्मियों ने एक दबंग को ठेके पर उठा रखा है जिसमे गन्ना व धान की लाखो रूपयो की फसल तैयार खडी है इतना ही नही इसी के पडोसी गांव परेली मे चरागाह पर कब्जा कर सरदारों ने उस पर सरोवर बनाकर कब्जा कर रखा है।इन गांव क्षेत्रो मे चकरोड रास्ता की बात करना बेमानी साबित होगा।इसी प्रकार यदि परगना शाहाबाद पर नजर डाली जाय तो ग्राम पेडहथा ,कुइयां, आगमपुर,परेली ,सुजनियापुर ,परेली ,गुजीदेई ,सिंगुलापुर, वारी ,सहोरा ,गहोरा, आदि सैकडो गांव मे सरकारी जमीन कंही पर भी खाली नही करायी गयी जबकि कागजो पर आंकडो की जादूगरी करके पूरी तरह से जमीने खाली करा दी गयीं है। इसमे सबसे मजे की बात तो यह है कि जिले के मुखिया प्रत्येक तहसील दिवस मे भूमाफियाओं के खिलाफ रिपोर्ट लिखाकर कार्यवाही करने का आदेश जारी करते रहते है लेकिन उनके मातहत अधिकारी व कर्मचारी उनके आदेशों को ठेगा दिखाकर अपने कर्तव्य की इति श्री कर लेते है।