Bhaskar News Agency
Nov 10, 2019
इंदौर- क्राइम ने दो ऐसे बदमाशों को पकड़ा है जो फर्जी तरीके से सीबीआई अफसर बनकर लोगों को झांसे में लेते थे। आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में फर्जी स्टाम्प, सील व परिचय पत्र व अन्य जाली दस्तावेज मिले हैं, जिसे उसने इंटरनेट पर वीडियो देखकर बनाना सीखा था। आरोपियों ने पश्चिम बंगाल, मप्र, दिल्ली और महाराष्ट्र में वारदातें करना कबूला। ये रेडियो एक्टिव पदार्थ भारत सरकार को उपलब्ध कराना बताकर लोगों को झांसे में लेते थे। वह आरपी में निवेश से मोटी रकम दिलवाने काप्रलोभन देता था आरोपियों के कब्जे से लैपटाप, फर्जी सील, सिक्के बनाने का सामान, प्रिंटर और लेन-देन संबंधी दस्तावेज मिले हैं।
एसपी मुख्यालय सूरज वर्मा ने बताया कि क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि विक्रम और शाहुबुद्दीन लोगों को झांसे में लेकर उनसे मोटी रकम ऐंठकर ठगी कर रहे हैं। इसके बाद दोनों पर केस दर्ज कर टीम ने कोयला बाखल इंदौर से पकड़ा। आरोपी विक्रम पिता अधीर गोस्वामी निवासी कल्लन नगर पश्चिम बंगाल ने बताया कि वह रतलाम कोठी क्षेत्र में रहता है। वह 11वीं तक पढ़ा है, लेकिन उसकी तकनीकी गैजेट्स पर अच्छी पकड़ है। आरोपी ठगी के पहले दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में एंटिक करेंसी की खरीदी-बिक्री, फायर वर्क और फुटपाथ पर तौलियां बेचने का काम करता था, लेकिन शौक के लिए रुपए कम पड़ने लगे तो ठगी के धंधे में उतर गया और लोगों से करोड़ों की ठगी कर डाली। उसने कई प्रकार के सील स्टाॅम्प, स्पेशल सीबीआई आॅफिसर के परिचय पत्र बना रखे थे। पहली पत्नी से तलाक के उसने दूसरी शादी की थी। आरोपी ने कबूला की बच्चे के एडमिशन के लिए दस्तावेजों में टीसी और तलाक के बाद दूसरी मां का नाम बेटे के जन्म प्रमाण पत्र पर दर्ज कराने के लिए फर्जी सील का उपयोग किया था। स्कूल को सभी दस्तावेज फर्जी दिए थे।